मूलाधार चक्र क्या है ?
इस चक्र को कुण्डलीनी का मुख्य केंद्र स्थान बताया गया है ।
ये एक आध्यात्मिक चक्र है।
जो हमारी ऊर्जा को चक्र के रूप में परिवर्तित करके शरीर में परिभ्रमण करते है। एक अध्यात्मीक ऊर्जा की तरह
मूलाधार चक्र किस को नियंत्रित करता है ?
•धर्म
•अर्थ
•मोक्ष
•काम
सृष्टि की सारी ऊर्जा को केंद्र में रखके हमारे सारी की उर्जा को सात चक्रों में केंद्रित करता है।
मूलाधार चक्र के देवता कोन है ?
हमारे शरीर में सकती एवम ऊर्जा और ज्ञान जो अर्जित होता है वो अध्यात्मीकरूप से देखा जाए तो
श्री गणेश जी इस चक्र के मूल आधार है।
हमारे जीवन में कोई भी सुभ काम करना है तो हम विघ्न हर्त्त श्री गणेश जी को प्रथम स्थान देते है
वो हमारे लिए मंगल हैं।
मूलाधार चक्र पर ध्यान को केंद्रित कैसे करे?
किसी भी जिस को अच्छे से करने केलिए उसपे ध्यान केंद्रित करना होता है।
• पेट खाली होना चाहिए
• सुबह खाली पेट १० या १२ मिनट को अपना चित संत करके आराम से दूसरे विचारकों छोड़के ध्यान केंद्रित करना है
•अपने मन को अध्यात्मीक रूप से प्रभु के चरणों में रखना है।
•प्राण हष्ट मुद्रा में बैठ के हड्डी को स्थिर करके बैठना है।
• ॐ मंत्र का उच्चारण करना है।
ये एक त्राटक स्थिति है जिसे हमारा ध्यान किसी एक ही चीज पे केंद्रित होता है
• ये मन को केंद्रित करने में कारगर है।
मूलाधार चक्र कहा होता है?
•वो हमारे शरीर की पूंछ की हड्डी और गुदा के स्थान पे होता है।
• वो भौम मंडल से भी जाना जाता है।
• चक्र सूर्य के तेज जैसा सोने जैसा प्रकाशी सा मालूम पड़ता है।
• मूलाधार शरीर का सबसे मुख्य चक्र है।
• यह हमारे शरीर की ऊर्जा का मुख्य आधार है।
•यह हमारे शरीर की पिनियल ग्रंथि से जुड़ा हुआ है।
•हमारे शरीर के सभी चक्र मेडिटेशन से जागृत होते है।
मूलाधार चक्र को जागृत कैसे करे?
•मूलाधार एक दिव्य चक्र है।
•जो देवता की उपासना और ध्यान से जागृत होता है।
•ध्यान लगाना और उसमे मग्न होना होता है।
•ध्यान करने पर सारे ब्रह्मांड की सकती संचीत होती है।
जिससे हमे साधना करने की प्रेरणा मिलती है।
• हम हमारे मन के स्वामी हो जाते है।
• ये एक व्यक्ति को अपने अस्तित्व की पहचान करवाता है।
• ये इनसान की बुनियादी जरुरियात है।
आइए जानते है कैसे?
• पेड़ अपनी जड़ों से जुड़ा हवा होता है इस लिए पेड़ का मूल ही उसका अस्तिव है।
• यह सात चक्रों का महत्व भी हमारे जीवन में आवश्यक है।
• अध्यात्मीक रूप से ईश्वर के सम्मुख रहने केलिए
• हमारे मन की सानती केलिए और नई ऊर्जा अर्जित करने केलिए मूलाधार चक्र की अवस्यकता है।
• आर्थिक उपार्जन केलिए पैसा कहा से आता है।
•आप अपने अप को साबित कर सकते है सक्षम है।
•हम स्वनिर्भर हो जाते है।
•हमारा आत्मविश्वास शिखर पर होगा सकारात्मक ऊर्जा महसूस होगी
• भीतर का मानसिक संतुलन जागृत होगा
मूलाधार चक्र के फायदे
• मूलाधार एक सकारात्मक ऊर्जा है जो ॐ मंत्र से प्राप्त होती है।
•जिससे मानसिक और शारीरिक स्फूर्ति खिल उठती है।
मन प्रफुल्लित हो जाता है।
•अपनी सुस्ती और नकारत्मकता दूर होती है
•स्वयं पर नियंत्रण होता है।
•हमारा खुद का विकास अंदरूनी बढ़ता है आत्मीयता में डब जाते है
•मानवता का भाव होता है।
•ये एक शिव के समान प्राथना है जो ध्यान स्थित होते है आदि योगी के रूप में स्थापित है।
मूलाधार की सकती क्या होती है?
•सारी सृष्टि के शक्ति का केन्द्र होता है चक्र ये सारी ऊर्जा समर्पित हो जाती है इस चक्र के जागृत होने पर
•भौतिक रूप से ये शरीर,देखाव,रूप, आकार,सुगंध जेसी इंद्रियों से जुड़ा होता है।
•हमारे प्रति जो इंद्रिय सक्रिय होती है जिनसे हम भावनात्मक रूप से जुड़े होते है इस दुनिया से स्नेही यो से
• हमारा आरोग्य इन चक्रों से ही नियंत्रित होता है।
मूलाधार चक्र जागृत होने पर क्या होता है?
•चक्र के जागृत होने पर क्या सिद्धि हासिल होती है हमारा ज्ञान चारो ओर निखर जाता है।
•हमारे गुण विकसित होने लगते है।
•हमारा जो मुख्य मूल हैं वो सक्रिय हो जाता है।
•हम साधारण मनुष्य से उपर उठ जाते हैं
विचलित नही होते छोटी छोटी बातो पे हमारे उपर कृपा बनती है परमात्मा की
मूलाधार के जागृत होने के लक्षण
•हमारे शरीर के रोम निकल आते है शरीर पे एक गुद गुड़ी सा अदभुत अहसास होता है।
•गुदा द्वार छोटा होके संकुचित होता जाता है
•हम रोज इसका उपयोग करे तो वो हमसे ईश्वर के तेज सम्मुख प्रकाश का साक्षात्कार करवाता है।
•हम सभी भावो से उपर उठ जाते है
न कोय संदेह,ईर्षा, उच्च नीच सब त्याग हो जाता है।
मूलाधार चक्र का मंत्र बताए
यह मंत्र ब्रह्मांड के अधिपति शिव से जुड़ा है
ॐ ही ल: ल: ल: ही स्वाहा||
मूलाधार चक्र की देवी कोन है?
महाकाली मूलाधार चक्र की जननी है।
मूलाधार चक्र का प्रतीक क्या है?
चार पंखुड़ियां वाला कमल है।
मूलाधार चक्र खराब होने से क्या होता है ?
• मन एकाग्र नहीं रहता किसिभी काम में चित नही होता
• मन विचलित रहता है।
• भोगविलाश के आशक्त हो जाते है भौतिक वस्तु में डूबे रहते है।
•विभिन व्यंजन जेसेकी सेक्स,खाना,मोह में लिप्त होते रहते है।
• भौतिक वस्तुओं में समर्पित हो जाते है।